Category: Theatre

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रामानुजन

रामानुजन— अनिल गोयल दिल्ली के रंगप्रेमी दर्शक साठ और सत्तर के दशकों से लेकर एक लम्बे समय गम्भीर नाटकों के साक्षी रहे हैं. परन्तु पिछले कुछ समय में हास्य-व्यंग्य के कुछ हल्के और कुछ...

लन्दन की गैसलाइट दिल्ली में

समीक्षा: अनिल गोयल लन्दन की गैसलाइट दिल्ली में1965 के आसपास एक फिल्म आई थी, ‘इन्तकाम’. रहस्य और रोमांच से भरपूर एक क्राइम थ्रिलर. साठ और सत्तर के दशकों में ऐसी अनेक फिल्में आईं… सुनील...

नाटक “बैजू बावरा”

समीक्षा — अनिल गोयल मराठी और बंगाली रंगमंच से आक्रान्त होने की सीमा तक प्रभावित रहे हिन्दी रंगमंच में कुछ चरित्र, विशेषकर भारतीय इतिहास, संस्कृति और धर्म से जुड़े हुए लोग किनारों पर ही...

Voicing Gender Fluidity

Maharashtra Sanskritik Sandhya at IIC A review by Manohar Khushalani First Published in IIC Diary Maharashtra Sanskritik Sandhya,  is an annual feature at IIC. This year, they presented dramatized readings, Beyond Gender, on LGBTQ...