Category: Theatre

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बाबूजी

समीक्षा: अनिल गोयल समाज में हर व्यक्ति के चेहरे के दो चेहरे हुआ करते हैं – एक प्रत्यक्ष और दूसरा परोक्ष. प्रत्यक्ष चेहरा तो सबके सामने होता है, सबको नजर आता है. लेकिन परोक्ष...