StageBuzz Blog

किसका मोती, किसकी झोली?

किसका मोती किसकी झोली बचपन में देखा था उसे पहली बार।उसकी माँ हमारे यहाँ काम करती थी। एक दिन संग बेटी को ले आई। बोली,”आज कुछ हरारत सी लगे है बीबी जी। इसे ले...

Nagaland and other poems

Nagaland Conversations with old friends Remembering the good old bad old Days in Nagaland. Bonding and exchanging of views. Talking of the Hornbill festival, Weaving and craft traditions, Bamboo and indigenous knowledge Folklore and...

आजादी की दीवानी दुर्गा भाभी

समीक्षा — अनिल गोयल भारतवर्ष को अंग्रेजों के चंगुल से छुड़ाने के लिये एक लम्बा संघर्ष चला था. इस में अठारहवीं-उन्नीसवीं शताब्दी में बंगाल में हुए सन्यासियों के विद्रोह से ले कर 1947 तक...

पश्मीना – दर्द का रिश्ता

पश्मीना – दर्द का रिश्ता— अनिल गोयल हिन्दी में नया नाट्य-लेखन बहुत कम हो रहा है. जब हिन्दी साहित्य के मठाधीश नाटक को साहित्य की विधा ही नहीं मानते, तो इस में बहुत आश्चर्य...