Author: Umang Sarin

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किसका मोती, किसकी झोली?

किसका मोती किसकी झोली बचपन में देखा था उसे पहली बार।उसकी माँ हमारे यहाँ काम करती थी। एक दिन संग बेटी को ले आई। बोली,”आज कुछ हरारत सी लगे है बीबी जी। इसे ले...

प्यासा

‘दूर डगर पर’ और अन्य कविताएं

दूर डगर पर दूर डगर पर बिछते जातेडबडबाते दो नयन हैंआओगे तुम कब न जानेरातों करते न शयन हैं । मन का मृग था प्यासा प्यासाआग की नदिया मिलीजल समझ के जल मराआस सब...