सुख भरी नींद का सपना

सुख भरी नींद का सपना – एक नया बिदेसिया      — अनिल गोयल “हियाँ के गाँव और गाँवन के जैसे नईं लगत ऐं!” खिड़की के बाहर तेजी से भागते, पीछे छूटते मकानों, दुकानों, खलिहानों...