दिल्ली में अभिभावक Vagish K Jha नहीं रहे।

Vagish K. Jha
Orbituary by Neelesh Deepak
मन बहुत दुखी है। शब्द नहीं है मेरे पास। मन बहुत भारी लग रहा है। मेरे गुरु, बड़े भाई और दिल्ली में अभिभावक Vagish K Jha नहीं रहे। आपका अचानक चले जाना मन को कचोट रहा है। पिछले महीने घंटों आपसे बातचीत करके आया हूँ, और आज सुबह आपके निधन की सूचना, स्तब्ध कर गया।
आपका जाना मेरे लिए
व्यक्तिगत क्षति है। जब भी मैं मन की विचलन से भ्रमित होता था तो आपको फोन करता या आपके घर आकर आपसे दिशा निर्देश लेता रहता।
आपसे मैं संस्कृतिकर्म, शिक्षा, इतिहास, रंगमंच और लोक कला पर घंटो बहस करता रहता था। इन तमाम मुद्दों पर आपकी समझ विरल थी।
गुरुदेव सादर प्रणाम👏👏
आज मैं जहाँ भी हूँ आपकी ही वजह से हूँ।
लगभग 25 सालों से आपके सानिध्य में काम करता रहा हूँ। आपके ही नाटक ‘बिजुलिया भौजी’ से सार्थक नाट्य जगत में पदार्पण किया था। तबसे आपके साथ सानिध्य का सौभाग्य प्राप्त होता रहा है। आज आप नहीं है। दुःखी का पारावार नहीं है।
यही जीवन है, ओह😢गुरुदेव
Memorial service Saturday

Brief Biodata
Vagish K Jha held a Master degree in Philosophy and Masters in History from J.N.U, New Delhi. In the field of communication, he had ventured into journalism, theatre, television and has also written articles in national dailies and magazines
RIP…OM SHANTI…
He was indeed an incredible man